प्रिय बन्धु,
रामलीला ऐशबाग के संस्थापक गोस्वामी श्री तुलसी दास जी ने सर्व प्रथम रामलीला का मंचन इसी स्थान ऐशबाग में किया था तथा कहा जाता है कि विनय पत्रिका की रचना भी लखनऊ के दो स्थानों में लिखी गयी । अखाडा ऐशबाग रामलीला तथा छाछी कुंआ मंदिर यहीँ से पूरी दुनिया में राम लीला खेली जाने लगी। उसी क्रम मे रामोत्सव अपनी भारतीय प्राचीन परम्परा एवं विधाओं को विश्वव्यापी बनाने में ऐशबाग मंच महती भूमिका निभा रहा है ।
यह मंच अंतर्राष्ट्रीय गरिमा प्राप्त कर चुका है इसके और अधिक विस्तार के लिए इस बार उ. प्र. सरकार से भी अनुरोध किया गया था , जिसको मा० उप मुख्यमंत्री के प्रयास से उ. प्र. के मा. उप. मुख्यमंत्री जी ने ऐशबाग रामलीला परिसर में तुलसी मानस हाल, तुलसी रंगमंच, श्रीराम प्रेक्षागृह तथा मुक्ताकाशी मंच का निर्माण किया जा रहा है। मा. उप. मुख्यमंत्री जी का श्री रामलीला समिति ऐशबाग ह्रदय से आभार प्रकट करती है कि उ. प्र. की सभी रामलीला मैदानों को संरक्षित किया जायेगा तथा मंच निर्माण, बाउंड्री तथा मंचन के लिए धन भी आवंटित किया जायेगा। उ. प्र. की सभी रामलीलाएँ आप की भूरी- भूरी प्रशंसा कर रही हैं। राम का चरित्र भारतीय जीवन शैली की आचार संहिता है। नयी-पीढ़ी भगवान कं आदर्शो पर चलकर विश्वगुरू भारत का निर्माण करेगी तथा अपने आचरण से पूरी दुनिया को भारतीय जीवन शैली नयी दिशा प्रदान करेगी ।
Pandit Aaditya Dwivedi
Harish Chandra Agarwal
आपके सूचित करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि विगत वषों की भाँति इस वर्ष भी रामोत्सव दिनांक 26-09-2022 से मंचित किया जायेगा